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Jan 9, 2022
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'ॐ नमस्ते ,वैदिक धर्म की जड़ें इतनी विशाल और प्राचीन है सुन कर देख कर ही मन प्रसन्न हो जाता है | इस ऋग्वेद संस्कृत मंत्र को भोजन करने के पहले या दिन में कभी भी अधिक से अधिक सुनने पे मन को शान्ति मिलती है | ऋग्वेद दुनिया का प्रथम ग्रंथ और धर्मग्रंथ है। यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की लगभग 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है। ऋग्वेद की रचना सम्भवतः सप्त-सैंधव प्रदेश में हुई थी। ऋग्वेद के उपनिषद:- वर्तमान में ऋग्वेद के 10 उपनिषद पाए जाते हैं। संभवत: इनके नाम ये हैं- ऐतरेय, आत्मबोध, कौषीतकि, मूद्गल, निर्वाण, नादबिंदू, अक्षमाया, त्रिपुरा, बह्वरुका और सौभाग्यलक्ष्मी।'
Tags: ऋग्वेद संस्कृत मंत्र , ऋग्वेद दुनिया का प्रथम ग्रंथ और धर्मग्रंथ , ॐ नमस्ते ऋग्वेद संस्कृत मंत्र
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